जीवन मंत्र डेस्क। बुधवार, 1 जनवरी से नया साल 2020 शुरू हो रहा है। नए साल के पहले दिन शुभ काम करने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है। काफी लोग साल के पहले दिन तीर्थ यात्रा करते हैं। अपने इष्टदेव के मंदिरों में दर्शन करने जाते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार ऐसा करने से सालभर सकारात्मक फल मिल सकते हैं। मान्यता है कि सुबह की शुरुआत शुभ हो तो पुरा दिन शुभ रहता है। इसी तरह नए साल की शुरुआत भक्ति करते हुए और शुभ काम करते हुए की जाए तो इसका शुभ फल पूरे साल मिल सकता है। नए साल की शुरुआत में सूर्य देव को जल चढ़ाना की विशेष मान्यता है।
पं. शर्मा के अनुसार सुबह सूर्योदय से पहले जागकर स्नान के बाद उगते सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए। कुंडली में सूर्य की शुभ-अशुभ स्थिति का अच्छा या बुरा असर हमारी बुद्धि पर भी होता है। सूर्य की शुभ स्थिति समाज में मान-सम्मान भी दिलवाती है। जानिए सूर्य पूजा करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए...
साल के पहले दिन इस प्रकार सूर्य की आराधना करने के बाद धूप, दीप जलाकर सूर्य देव की पूजा करें। सूर्य से संबंधित चीजें जैसे तांबे का बर्तन, पीले या लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, माणिक्य, लाल चंदन आदि का दान जरूरतमंद लोगों को करें। अपनी श्रद्धानुसार इन चीजों में से किसी भी चीज का दान किया जा सकता है। सूर्य के निमित्त हर रविवार व्रत करें। एक समय फलाहार करें और सूर्यदेव का पूजन करें।
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पं. शर्मा के अनुसार सुबह सूर्योदय से पहले जागकर स्नान के बाद उगते सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए। कुंडली में सूर्य की शुभ-अशुभ स्थिति का अच्छा या बुरा असर हमारी बुद्धि पर भी होता है। सूर्य की शुभ स्थिति समाज में मान-सम्मान भी दिलवाती है। जानिए सूर्य पूजा करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए...
- सुबह स्नान के बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए। इसके लिए तांबे के लोटे में जल भरें, इसमें चावल, काले तिल, लाल फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें।
- जल अर्पित करते समय सूर्य मंत्रों का जाप करना चाहिए। सूर्य मंत्र जैसे ऊँ सूर्याय नम: ऊँ खगाय नम:, ऊँ भास्कराय नम:, ऊँ रवये नम:, ऊँ भानवे नम:, ऊँ आदित्याय नम: मंत्रों का जाप किया जा सकता है।
- मंत्र जाप के बाद सूर्य मंत्र स्तुति का पाठ करें। इस पाठ के साथ शक्ति, बुद्धि, स्वास्थ्य और सम्मान की कामना से करें।
सूर्य मंत्र स्तुति
नमामि देवदेवशं भूतभावनमव्ययम्। दिवाकरं रविं भानुं मार्तण्डं भास्करं भगम्।।
इन्द्रं विष्णुं हरिं हंसमर्कं लोकगुरुं विभुम्। त्रिनेत्रं त्र्यक्षरं त्र्यङ्गं त्रिमूर्तिं त्रिगतिं शुभम्।।साल के पहले दिन इस प्रकार सूर्य की आराधना करने के बाद धूप, दीप जलाकर सूर्य देव की पूजा करें। सूर्य से संबंधित चीजें जैसे तांबे का बर्तन, पीले या लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, माणिक्य, लाल चंदन आदि का दान जरूरतमंद लोगों को करें। अपनी श्रद्धानुसार इन चीजों में से किसी भी चीज का दान किया जा सकता है। सूर्य के निमित्त हर रविवार व्रत करें। एक समय फलाहार करें और सूर्यदेव का पूजन करें।
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