Skip to main content

आदि शंकराचार्य द्वारा 8वीं सदी में बनाया गया था श्रृंगेरी का शारदम्बा मंदिर

जीवन मंत्र डेस्क.कर्नाटक राज्य के चिकमंगलुर जिले में तुंगा नदी के किनारे पर करीब 1100 साल पुराना श्रृंगेरी का शारदम्बा मंदिर स्थित है। ये मंदिर आदि शंकराचार्य द्वारा 8वीं सदी में बनाया गया था। यह मंदिर बहुत ही खूबसूरत है और यहां देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यहांवसंत पंचमी को विशेष पर्व के रूप में मनाया जाता है।

  • इस मंदिर में देवी की मूर्ति चंदन की लकड़ी से बनी थी और इसे आदि शंकराचार्य द्वारा ही यहां स्थापित किया गया था, लेकिन बाद में इसे 14वीं शताब्दी में स्वर्ण की मूर्ति से बदल दिया गया। इस मंदिर में स्फटिक का लिंग भी स्थापित है, जिसके बारे में मान्यता है कि इसे भगवान शिव ने स्वयं आदि शंकराचार्य को भेंट में दिया था। हर रोज शाम को 8.30 बजे चंद्रमौलेश्वर पूजा के दौरान इस लिंग को देख सकते हैं। 14-16 वीं शताब्दी के दौरान और बाद में 1916 के आसपास विजयनगर साम्राज्य के शासनकाल में मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया था।

होता है अक्षराभ्यास का अनुष्ठान

ऐसा माना जाता है कि देवी शारदम्बा देवी सरस्वती का अवतार हैं, जो पृथ्वी पर उभा भारती के रूप में आई थीं। ऐसी मान्यता है कि मंदिर में मौजूद शारदम्बा की पूजा करने से व्यक्ति को ब्रह्मा, विष्णु , महेश के साथ-साथ पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु बच्चे का अक्षराभ्यास का अनुष्ठान करने के लिए आते हैं। 2-5 वर्ष की आयु के बच्चों के माता-पिता को एक स्लेट और चॉक या चावल की एक थाली दी जाती है, जिस पर वे देवी सरस्वती और गुरु से प्रार्थना करते हैं कि वे उनके बच्चों को अच्छा ज्ञान और शिक्षा प्रदान करें।

आदि शंकराचार्य ने बिताए 12 वर्ष

श्री शंकराचार्य शिष्यों के साथ जब देश घूम रहे थे तब वो श्रृंगा गिरी पहुंचे। यहां पहुंचकर शंकराचार्य ने देखा कि एक सर्प फन फैलाकर एक गर्भवती मेढ़क की तपते सूरज से रक्षा कर रहा है। इस दृश्य को देखकर वो बहुत प्रभावित हुए और श्रृंगेरी को शारदा पीठ के रूप में स्थापित करने का सोचा। इस घटना को दर्शाती एक मूर्ति जिसे कपि शंकरा के नाम से जाना जाता है, वह तुंगा नदी की ओर जाने वाले रास्ते पर स्थापित है। कथाओं के अनुसार, यह स्थान ऋषभसिंग, विखंडमुनि के पुत्र के रूप में जुड़ा हुआ है। इस स्थान पर उन्होंने घोर तपस्या की, जिससे श्रृंगेरी नाम हुआ। ऐसा कहा जाता है कि आदि शंकराचार्य ने यहां 12 वर्ष बिताए थे।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
The Shardamba temple of Sringeri was built by Adi Shankaracharya in the 8th century.



from Dainik Bhaskar https://ift.tt/36GxR7H

Comments

Popular posts from this blog

96 की उम्र में शुरू किया बर्फी का स्टार्टअप:110 साल पुरानी रेसिपी में भरी मिठास, ‘ग्लोबल नानी’ ही नहीं इंफ्लुएंसर भी हूं

September 03, 2022 at 11:00AM from वुमन | दैनिक भास्कर https://ift.tt/Jklo7xm

जन्माष्टमी स्पेशल:69 साल की उम्र में पहली बार विदेश गए, रास्ते में दो हार्ट अटैक आए, रशिया में नजरबंद भी किए गए, फिर भी दुनिया में 108 से ज्यादा कृष्ण मंदिर खड़े किए

from जीवन मंत्र | दैनिक भास्कर https://ift.tt/3gKdJcn

फादर्स डे पर ट्रेंडिंग:पापा की कंफर्ट का ख्याल रखते हुए गिफ्ट करें माइक्रोस्वेड स्लिपर्स, वॉटरप्रूफ फोन केस और रैंब्लर मग भी आएगा उनके काम

June 20, 2021 at 05:00PM from वीमेन | दैनिक भास्कर https://ift.tt/3xF0IHj