Skip to main content

रथ सप्तमी हर तरह के कष्ट से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है ये व्रत और सूर्य पूजा

जीवन मंत्र डेस्क. रथ सप्तमी का व्रत माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को रखा जाता है। मत्स्य पुराण के अनुसार ये पूरी तरह सेभगवान सूर्य देव को समर्पित है। इस दिन किए गए स्नान, दान, होम, पूजा आदि सत्कर्म हजार गुना अधिक फल देते हैं। इस बार ये 1 फरवरी को है।

  • रथ सप्तमी के दिन, सूर्योदय से पहले भक्त पवित्र स्नान करने के लिए जाते हैं। रथ सप्तमी पर तीर्थ और पवित्र नदियों में किया गया स्नान एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है और इसे केवल सूर्योदय के समय ही किया जाना चाहिए। यह माना जाता है कि इस समय के दौरान पवित्र स्नान करने से व्यक्ति को सभी बीमारियों से मुक्ति मिलती है और उसे एक अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है। इस कारण रथ सप्तमी को आरोग्य सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है।

पूजन विधि व महत्व

स्नान करने के बाद सूर्योदय के समय में भक्त सूर्य भगवान को अर्घ्यदान देते हैं। इस दौरान भक्तों को नमस्कार मुद्रा में होना चाहिए और सूर्य भगवान की दिशा के तरफ मुख होना चाहिए। इसके बाद भक्त घी के दीपक और लाल फूल, कपूर और धूप के साथ सूर्य भगवान की पूजा करते हैं। इन सभी अनुष्ठानों को करने से सूर्य भगवान अच्छे स्वास्थ्य दीर्घायु और सफलता के वरदान देते हैं।

बनाते हैं रंगोली

रथ सप्तमी के दिन कई घरों में महिलाएं सूर्य देवता के स्वागत के लिए उनका और उनके रथ के साथ चित्र बनाती हैं। वे अपने घरों के सामने सुंदर रंगोली बनाती हैं। आंगन में मिट्टी के बर्तनों में दूध डाल दिया जाता है और सूर्य की गर्मी से उसे उबाला जाता है। बाद में इस दूध का इस्तेमाल सूर्य भगवान को भोग में अर्पण किए जाने वाले चावलों में किया जाता है।

व्रत कथा

  1. माघ शुक्ल सप्तमी से संबंधित कथा का उल्लेख पौराणिक ग्रंथों में मिलता है। इसके अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र शाम्ब को अपने शारीरिक बल पर बहुत अभिमान हो गया था।
  2. एक बार दुर्वासा ऋषि भगवान श्रीकृष्ण से मिलने आए। वे बहुत अधिक दिनों तक तप करके आए थे और इस कारण उनका शरीर बहुत दुर्बल हो गया था।
  3. शाम्ब उनकी दुर्बलता का मजाक उड़ाने लगा और उनका अपमान भी किया इसे बात से क्रोधित होकर दुर्वासा ऋषि ने शाम्ब को कुष्ठ होने का श्राप दे दिया।
  4. शाम्ब की यह स्थिति देखकर श्रीकृष्ण ने उसे भगवान सूर्य की उपासना करने को कहा। पिता की आज्ञा मानकर शाम्ब ने भगवान सूर्य की आराधना करना प्रारंभ किया, ऐसा करने से कुछ समय में ही कुष्ठ रोग ठीक हो गया।
  5. इसलिए जो श्रद्धालु सप्तमी के दिन भगवान सूर्य की आराधना करता है। उन्हें आरोग्य, पुत्र और धन की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में सूर्य को आरोग्यदायक कहा गया है तथा सूर्य की उपासना से रोग मुक्ति का मार्ग भी बताया गया है।


Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Rath Saptami is done to get rid of all kinds of suffering, this fast and sun worship



from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2OgUdWP

Comments

Popular posts from this blog

श्रीराम जन्म से सीता हरण, रावण वध और अयोध्या में रामराज्य की स्थापना तक, 15 तस्वीरों में देखिए पूरी रामायण

अयोध्या में श्रीराम के जन्म स्थान पर भव्य मंदिर के निर्माण का भूमि पूजन हो चुका है। श्रीराम कथा का सबसे प्रामाणिक ग्रंथ वाल्मीकि ऋषि द्वारा रचित रामायण को माना जाता है। इस ग्रंथ पर आधारित कई चित्रकारों ने रामायण की तस्वीरें भी बनाई हैं। राजस्थान के चित्रकार बीजी शर्मा ने भी रामायण की पूरी चित्र श्रृंखला बनाई थी। बीजी शर्मा का जन्म 5 अगस्त 1924 को हुआ था। इनका पूरा नाम भंवरलाल गिरधारीलाल शर्मा है। इन्हें चित्रकला के क्षेत्र में कई राष्ट्रीय अवार्ड भी मिल चुके हैं। बीजी शर्मा आर्ट गैलरी से मिली जानकारी के अनुसार रामायण के ये सभी चित्र शर्माजी द्वारा 70-80 के दशक में बनाई गए थे। इन तस्वीरों को बनाने में काफी समय लगता है। इसीलिए इतने सालों में ये श्रृंखला पूरी हो सकी। बीजी शर्मा के बनाए चित्रों में देखिए रामायण की पूरी कथा... Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Ramayana katha in pictures, From the birth of Shri Ram to Sita Haran, Ravana vadh and Ram Rajya in Ayodhya, see the whole Ramayana in 15 pictures from Dainik Bhaskar https://ift.t

शिंजो-आबे ने बीमारी से 2 बार छोड़ा था PM पद:अल्सरेटिव कोलाइटिस से पीड़ित थे, पुतिन-जिनपिंग-बाइडेन जैसे नेता भी हैं गंभीर बीमारियों से परेशान

July 09, 2022 at 05:30AM from वुमन | दैनिक भास्कर https://ift.tt/zbc3vLJ