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अंग्रेजी कैलेंडर में लीप ईयर और हिंदू पंचांग में अधिकमास न हो तो ठंड में मनानी पड़ती होली

जीवन मंत्र डेस्क.अंग्रेजी कैलेंडर में लीप ईयर में फरवरी 29 दिन की होती है, उसी तरह हिंदू पंचांग में अधिक माह की भी व्यवस्था की गई है। लीप ईयर में एक दिन और अधिक मास में पूरा एक महीना बढ़ जाता है। अगर लीप ईयर और अधिकमास की व्यवस्था नहीं की गई होती तो हमें होली का त्योहार ठंड में और दीपावली बारीश में मनानी पड़ती। ऐसा इसलिए क्योंकि एक साल में 365 दिन और 6 घंटे होते हैं, इन 6 घंटे को हर चार साल में 29 फरवरी के रूप में गिना जाता है। वहीं, हिंदू पंचांग में जो चंद्र वर्ष होता है, उसमें 354 दिन होते हैं। हर तीन साल में इन बचे हुए 11 दिनों को एडजस्ट करने के लिए अधिकमास बनाया गया है। अगर ये अधिकमास ना हो तो सारे त्योहार हर साल 11 दिन पहले होने लगेंगे। इस तरह हर तीन साल में सारे त्योहार महीने पीछे आ जाएंगे। त्योहारों और ऋतुओं का संतुलन बना रहे इसलिए ही अधिकमास की गणना की जाती है।

वैसे ही हर चार साल बाद आने वाला वर्ष लीप ईयर या अधिवर्ष कहलाता है। जिसमें 365 की जगह 366 दिन होते हैं यानी एक दिन बढ़ जाता है। 29 फरवरी की व्यवस्था न हो तो हम हर साल प्रकृति के कैलेंडर से लगभग छह घंटे आगे निकल जाएंगे, यानि एक सदी में 24 दिन आगे बढ़ जाएंगे। लीप ईयर नहीं होता तो मौसम को महीने से जोड़कर रखना मुश्किल हो जाता। लीप ईयर का एक्स्ट्रा दिन 29 फरवरी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह धरती के सूर्य की परिक्रमा करने से जुड़ा हुआ है और प्रकृति द्वारा सौरमंडल के नियमों से मिला है। अगर लीप वर्ष की व्यवस्था खत्म कर दी जाए तो 500 साल बाद गर्मी का मौसम दिसंबर में आने लगेगा।

अधिकमास ना आए तो क्या होगा
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्रा के अनुसार एक चंद्र वर्ष 354 दिन और सौर वर्ष 365 दिन का होता है। इन दोनों में आने वाले दिनों का अंतर पूरा करने के लिए ज्योतिषियों द्वारा अधिकमास की व्यवस्था की गई है। जिस तरह अंग्रजी कैलेंडर में लीप ईयर हर चौथे साल आता है, उसी तरह हिंदू कैलेंडर में अधिकमास हर तीसरे साल आता है। इसलिए हिंदू पंचांग में हर तीसरे साल यानी 32 महीने, 16 दिन, 1 घंटा 36 मिनट के अंतराल से अधिक मास आता है। अधिक मास न हो तो हमारे त्योहारों का समय गड़बड़ा जाएगा। क्योंकि हिंदू धर्म में हर त्योहार ऋतुओं को ध्यान में रखकर मनाया जाता है। जैसे, होली गर्मियों की शुरूआत में और दीपावली ठंड की शुरुआत में मनाई जाती है। सौर मास में हर साल 11 दिन ज्यादा होते हैं। ऐसा हर साल होने से हमें ठंड में होली और बारीश के मौसम में दिवाली मनाना पड़ेगी।

अधिकमास न होता तो अगले साल फरवरी 2021 मनाई जाती होली

पं. मिश्रा बताते हैं कि इस साल यानी विक्रम संवत 2077 में आश्विन महीना अधिक मास हो रहा है। जो आश्विन शुक्ल प्रतिपदा (अधिक माह) यानी 18 सितम्बर से शुरू होकर कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा यानी 16 अक्टूबर तक रहेगा | हिंदू पंचांग में अगर इस साल ये 29 दिन नहीं जोड़े जाते तो दीपावली 15-16 अक्टूबर को और अगले साल आने वाला होली का त्योहार फरवरी में ही मनाना पड़ता।



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Google Title: Hindu Panchang Calendar | Hindu Panchang Adhik Maas (Extra Month) Vs Gregorian Calendar Leap Year About Hindu Festival (Holi)



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