Skip to main content

तिरुचिरापल्ली के जंबूकेश्वर मंदिर में खुदाई दौरान मिला सोने के सिक्कों से भरा कलश

जीवन मंत्र डेस्क.दक्षिण भारत के ज्यादातर मंदिर प्राचीन काल में बने हुए हैं। इनमें ही तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले के तिरुवनैकवल में स्थित जंबुकेश्वर अखिलंदेश्वरी मंदिर भी है। जिसका निर्माण शुरुआती चोल राजा कोचेन्गनन चोल ने करवाया था। इस शिव मंदिर में चल रही खुदाई के दौरान सोने के सिक्कों से भरा एक कलश निकला। मंदिर प्रशासन ने इन सिक्कों को पुलिस के हवाले कर दिया है।

करीब पौने दो किलो सोने के सिक्के

तिरुवनैकवल स्थित नौवीं शताब्दी में बने जंबुकेश्वर मंदिर में मिले कलश के सोने के सिक्कों को जब गिना गया तो यह आंकड़ा 505 पर जाकर रुका। पुलिस के अनुसार कलश में मिले सोने के सिक्कों का वजन 1.716 किलो है। अनुमान लगाया जा रहा है कि ये करीब 200 से 400 साल पुराने सिक्के हो सकते हैं।

नौवीं शताब्दी के शिलालेख में है मंदिर से जुड़े धन की जानकरी

मंदिर प्रशासन के अनुसार इस मंदिर का निर्माण करीब 1800 साल पहले चोल राजवंश के दौरान हुआ था। इसके बाद मंदिर से जुड़े 156 शिलालेख मिले थे। जिनमें चोल राजवंश के शासक परांतक प्रथम के समय का शिलालेख सबसे पुराना है। जो कि नौवीं शताब्दी का है। इसमें ही मंदिर के जीर्णोद्धार और धन के बारे में जानकारी मिलती हैं। चोल राजाओं के बाद भी समय-समय पर इस मंदिर की देखरेख और पुननिर्माण का कार्य करवाया गया।

पहले था जामुन का जंगल

वर्तमान के तिरुवनैकवल में जहां मंदिरहै वहां प्राचीन काल में जामुन के पेड़ों का जंगल था। मंदिर के पीछे एक चबूतरा बना है, जिस पर जामुन का प्राचीन पेड़ अभी भी है। मंदिर को प्राप्त शिलालेख के अनुसार प्राचीन काल में जामुन के पेड़ के नीचे ही भगवान शिव ने उनके दो भक्तों को दर्शन दिए थे। तब से वहां शिवलिंग स्थापित है। इसलिए इस मंदिर का नाम जंबुकेश्वर पड़ा। जंबू का हिंदी अर्थ जामुन होता है।

शिव-पार्वती के मंदिरों के कारण कहा जाता है जंबुकेश्वर अखिलंदेश्वरी मंदिर

  • तिरुवनैकवल में स्थित जंबुकेश्वर अखिलंदेश्वरी मंदिर भगवान शिव-पार्वती का प्रमुख मंदिर है। इस शिवलिंग को पंचतत्व लिंगों में से एक जलतत्व लिंग के रूप में जाना जाता है। करीब सौ बीघा क्षेत्र में फैले इस मंदिर के तीन आंगन हैं। मंदिर प्रवेश करते ही जो आंगन है वहां लगभग 400 स्तम्भ बने हैं। आंगन में दाहिनी ओर एक सरोवर है जिसके मध्य में मंडप बना है। श्री जंबूकेश्वर मंदिर पांचवें घेरे में है। इस जगह श्री जंबूकेश्वर लिंग बहते हुए पानी के ऊपर स्थापित है और लिंगमूर्ति के नीचे से लगातार जल ऊपर आता रहता है। आदि शंकराचार्य ने यहां पर श्री जंबूकेश्वर लिंग मूर्ति की पूजा अर्चना की थी। यहां शंकराचार्य की मूर्ति भी है। जंबूकेश्वर मंदिर की तीसरी परिक्रमा में सुब्रह्मण्यम् मंदिर है। यहां भगवान शिव का पंचमुखी लिंग भी स्थापित है।
  • जंबुकेश्वर मंदिर के प्रांगण में देवी पार्वती का विशाल मंदिर है। यहां पर देवी की पूजा जगदम्बा रूप में की जाती है। इसलिए इन्हें अखिलंदेश्वरी कहते हैं। इस मंदिर के पास ही गणेशजी का भी मंदिर है जिसकी स्थापना आदीशंकराचार्य द्वारा की गई है। मंदिर प्रशासन द्वारा बताया जाता है कि पहले देवी की मूर्ति में बहुत तेज था इस वजह से कोई दर्शन नहीं कर पाता था लेकिन आदीशंकराचार्य ने मूर्ति के कानों में हीरे से जड़े हुए श्रीयंत्र के कुंडल पहना दिए जिससे देवी का तेज कम हुआ। इस मंदिर के आसपास मरिअम्मन और लक्ष्मी मंदिर के साथ अन्य मंदिर भी बने हुए हैं।


Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Gold Found Thiruvanaikaval | Gold Coins Found Near Jambukeswarar Mandir During Excavation In Thiruvanaikaval



from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2vkG8RY

Comments

Popular posts from this blog

श्रीराम जन्म से सीता हरण, रावण वध और अयोध्या में रामराज्य की स्थापना तक, 15 तस्वीरों में देखिए पूरी रामायण

अयोध्या में श्रीराम के जन्म स्थान पर भव्य मंदिर के निर्माण का भूमि पूजन हो चुका है। श्रीराम कथा का सबसे प्रामाणिक ग्रंथ वाल्मीकि ऋषि द्वारा रचित रामायण को माना जाता है। इस ग्रंथ पर आधारित कई चित्रकारों ने रामायण की तस्वीरें भी बनाई हैं। राजस्थान के चित्रकार बीजी शर्मा ने भी रामायण की पूरी चित्र श्रृंखला बनाई थी। बीजी शर्मा का जन्म 5 अगस्त 1924 को हुआ था। इनका पूरा नाम भंवरलाल गिरधारीलाल शर्मा है। इन्हें चित्रकला के क्षेत्र में कई राष्ट्रीय अवार्ड भी मिल चुके हैं। बीजी शर्मा आर्ट गैलरी से मिली जानकारी के अनुसार रामायण के ये सभी चित्र शर्माजी द्वारा 70-80 के दशक में बनाई गए थे। इन तस्वीरों को बनाने में काफी समय लगता है। इसीलिए इतने सालों में ये श्रृंखला पूरी हो सकी। बीजी शर्मा के बनाए चित्रों में देखिए रामायण की पूरी कथा... Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Ramayana katha in pictures, From the birth of Shri Ram to Sita Haran, Ravana vadh and Ram Rajya in Ayodhya, see the whole Ramayana in 15 pictures from Dainik Bhaskar https://ift.t

शिंजो-आबे ने बीमारी से 2 बार छोड़ा था PM पद:अल्सरेटिव कोलाइटिस से पीड़ित थे, पुतिन-जिनपिंग-बाइडेन जैसे नेता भी हैं गंभीर बीमारियों से परेशान

July 09, 2022 at 05:30AM from वुमन | दैनिक भास्कर https://ift.tt/zbc3vLJ