Skip to main content

परिस्थितियां कैसे भी हों, हम खुद पर भरोसा रखेंगे तो जल्दी ही दूर हो सकती हैं बाधाएं

श्रीरामचरित मानस में श्रीराम के साथ वानर सेना समुद्र किनारे तक पहुंच गई थी, तब समुद्र को पार करने पर विचार किया जा रहा था। उसी समय लंका में भी युद्ध को लेकर चर्चाएं चल रही थीं। रावण ने अपने मंत्रियों से राय मांगी तो सारे मंत्रियों ने कहा कि जब देवताओं और दानवों को जीतने में कोई श्रम नहीं किया तो मनुष्य और वानरों से डरने की जरूरत नहीं है। उस समय विभीषण ने रावण को बहुत समझाया कि श्रीराम से संधि कर लेनी चाहिए। सीता को आदर सहित श्रीराम को लौटा दिया जाए तो राक्षस कुल बच सकता है।

रावण ने विभीषण निकाल दिया अपने राज्य से

रावण विभीषण की बातों से क्रोधित हो गया और उसे लात मारकर अपने राज्य से निकाल दिया। लंका से निकाले जाने के बाद विभीषण श्रीराम की शरण में जाना चाहते थे। इसलिए वे श्रीराम के पास पहुंचे। शत्रु रावण के भाई को देखकर वानर सेना में खलबली मच गई। सुग्रीव ने श्रीराम को सुझाव दिया कि विभीषण राक्षस है और रावण का छोटा भाई भी है, इसे बंदी बना लेना चाहिए। ये हमारी सेना का भेद जानने आया होगा।

श्रीराम ने समझाया हमारा बल कम नहीं होगा

श्रीराम ने सुग्रीव को समझाया कि हमें हमारे बल और सामर्थ्य पर पूरा भरोसा है। विभीषण शरण लेने आया है, इसलिए उसे बंदी नहीं बनाना चाहिए। अगर वह भेद लेने आया होगा तब भी कोई संकट नहीं है। हमारी सेना का भेद जान लेने से भी हम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हमारा बल तो कम होगा नहीं। दुनिया में जितने भी राक्षस हैं, उन सब को अकेले लक्ष्मण ही क्षणभर में खत्म कर सकते हैं। हमें विभीषण से डरना नहीं चाहिए। उससे बात करनी चाहिए।

इस प्रसंग की सीख यह है कि परिस्थितियां कैसी भी हों, हमें हर हाल में खुद पर भरोसा बनाए रखना चाहिए। खुद पर विश्वास रखेंगे तो बड़ी-बड़ी परेशानियां भी आसानी से दूर हो सकती हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
ramcharitmanas, ramayana, facts about ramayana, life management tips in hindi, ram and vibhishana story



from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2yTggxU

Comments

Popular posts from this blog

श्रीराम जन्म से सीता हरण, रावण वध और अयोध्या में रामराज्य की स्थापना तक, 15 तस्वीरों में देखिए पूरी रामायण

अयोध्या में श्रीराम के जन्म स्थान पर भव्य मंदिर के निर्माण का भूमि पूजन हो चुका है। श्रीराम कथा का सबसे प्रामाणिक ग्रंथ वाल्मीकि ऋषि द्वारा रचित रामायण को माना जाता है। इस ग्रंथ पर आधारित कई चित्रकारों ने रामायण की तस्वीरें भी बनाई हैं। राजस्थान के चित्रकार बीजी शर्मा ने भी रामायण की पूरी चित्र श्रृंखला बनाई थी। बीजी शर्मा का जन्म 5 अगस्त 1924 को हुआ था। इनका पूरा नाम भंवरलाल गिरधारीलाल शर्मा है। इन्हें चित्रकला के क्षेत्र में कई राष्ट्रीय अवार्ड भी मिल चुके हैं। बीजी शर्मा आर्ट गैलरी से मिली जानकारी के अनुसार रामायण के ये सभी चित्र शर्माजी द्वारा 70-80 के दशक में बनाई गए थे। इन तस्वीरों को बनाने में काफी समय लगता है। इसीलिए इतने सालों में ये श्रृंखला पूरी हो सकी। बीजी शर्मा के बनाए चित्रों में देखिए रामायण की पूरी कथा... Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Ramayana katha in pictures, From the birth of Shri Ram to Sita Haran, Ravana vadh and Ram Rajya in Ayodhya, see the whole Ramayana in 15 pictures from Dainik Bhaskar https://ift.t

शिंजो-आबे ने बीमारी से 2 बार छोड़ा था PM पद:अल्सरेटिव कोलाइटिस से पीड़ित थे, पुतिन-जिनपिंग-बाइडेन जैसे नेता भी हैं गंभीर बीमारियों से परेशान

July 09, 2022 at 05:30AM from वुमन | दैनिक भास्कर https://ift.tt/zbc3vLJ