Skip to main content

दादा और पोते के प्यार को बताती लघुकथा ''ऑनलाइन'', मदन ने उस भिखारी की दुआ किस तरह ली, दर्शा रही है लघुकथा ''भगवान को भाेग से''

लघुकथा : ऑनलाइन
लेखिका : शर्मिला चौहान

दादा जी को ‘ऑनलाइन’ रहते बच्चों से शिक़ायत थी। लेकिन टाइम पास के लिए ख़ुद ऐसा करना उन्हें बहुत भाया।
कोरोना के चलते पिछले तीन-चार महीनों से बुज़ुर्गों के कट्टा समूह में निराशा छाई हुई थी। पहले रोज़ मिलकर दुनियाभर की बातें करते, एक-दूसरे का सुख-दुख साझा करते और किसी न किसी बहाने से चाय-नाश्ते का लुत्फ़ भी उठाते। अपने जन्मदिन पर घर से बना नाश्ता लाकर सब एक साथ मज़े करते थे।

लेकिन मार्च से सब अपने-अपने घरों में क़ैद हो गए थे। ऐसा बताया गया है कि यह वायरस बच्चों और बुज़ुर्गों को जल्दी चपेट में लेता है, इस कारण सभी अपने-अपने घरों में बंद पड़े थे।
एक शाम, समूह के कुछ लोग अपनी-अपनी बालकनी से एक-दूसरे को देखकर हाथ हिलाकर ख़ुश हो रहे थे ।

गुप्ता जी के पोते अंकित ने देखा तो पूछा, ‘दादाजी... आप लोग बहुत दिनों से मिले नहीं हैं न?’ इस पर दादाजी ने हां में सिर हिलाया।
‘आप सभी के पास फोन है न... आप लोगों ने वॉट्सएप समूह भी बनाया है तो आज आप सब ऑनलाइन वीडियो बातचीत करना,’ यह कहते हुए अंकित ने सभी को सूचना दी।

अब आधे घंटे बाद दादाजी के कमरे से ज़ोर-ज़ोर से बातें करने और खिलखिलाने की आवाज़ें आ रही थीं। सबको ऐसा लग रहा था कि वे आमने-सामने आकर बात कर रहे हैं।

‘क्यों दादाजी, अब कैसा लग रहा है? ऑनलाइन काम अच्छा है कि नहीं...?’ अंकित ने शरारती मुस्कान के साथ पूछा।
‘अरे..!

हम बुड्ढों को तो मज़ा आ गया। पर तू इस पर अपना समय मत बर्बाद किया कर, अपनी पढ़ाई में मन लगा, ये हमारे जैसे ख़ाली बैठे लोगों का टाइम पास है।’
इसके बाद दादा-पोते की हंसी गूंजने लगी और कोरोना का डर थोड़ी देर के लिए छूमंतर हो गया।

लघुकथा : भगवान को भोग
लेखक : नवीन गौतम

अरे! हलवाई का सब सामान आ गया न? मदन ने अपने छोटे भाई उमेश से पूछा। उमेश बोला, ‘हां भैया, आ गया। हलवाई और उसके आदमी भी आ गए हैं, बस अभी 2-3 घंटे में खाना बनाकर दे देंगे।’
आज मदन बहुत ख़ुश था। आज उसके पांच वर्षीय बेटे का मुंडन संस्कार था।

मेहमानों की आवाजाही शुरू हो गई थी। वे दोनों मेहमानों के स्वागत सत्कार में लगे हुए थे। मुंडन का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजे का था, अतः तय समय पर संस्कार पूरा करने नाथू भी आ गया था। पूजा सम्पन्न हुई। उधर नाथू भी अपना उस्तरा लेकर सीढ़ियों पर आ बैठा था।

मुंडन शुरू हुआ तो कामिनी ने अपने बेटे के उतरे हुए सारे केश अपनी झोली में ले लिए। तभी पुजारी जी ने आवाज़ लगाई, ‘श्रीमान! खाना तैयार हो गया हो तो ले आइए, भगवान को भोग लगाएंगे।’ ‘जी पंडित जी’ कहकर मदन भोग लेने के लिए सामने की धर्मशाला की ओर दौड़ पड़ा।

मदन ने दाल-बाटी, चूरमा का भोग पत्तल में रखा और मंदिर की बढ़ गया। वह धीमे-धीमे क़दमों से मंदिर की तरफ़ बढ़ ही रहा था कि तभी किसी ने पीछे से आवाज़ लगाई, ‘बाबूजी! सुबह से भूखा हूं, कुछ खाने को दे दो।’ मदन ने मुड़कर देखा तो एक फटेहाल भिखारी कातर दृष्टि से उसे ताक रहा था।

उसकी दीन-हीन दशा देखकर मदन के मन में करुणा उमड़ पड़ी पर अभी वह असमंजस में था कि भोग कैसे दे दे। लेकिन मदन भावुक हो गया और मन ही मन सोचने लगा कि शायद ईश्वर भी यही चाहते हैं, तभी तो उसके भोग ले जाते समय वह सामने आया।

उसने दाल-बाटी, चूरमा का भोग भिखारी की ओर बढ़ाकर कहा, ‘बाबा! लो खाना खा लो।’ भिखारी बहुत ख़ुश हुआ और जल्दी-जल्दी खाना खाते हुए अपने दोनों हाथ बार-बार ऐसे उठा रहा था मानो वह उसे ढेर सारा आशीर्वाद दे रहा हो।

मदन ख़ुशी के आंसू पोंछते हुए वापस धर्मशाला की ओर बढ़ गया। ‘अरे! इतनी देर से कहां थे आप? भगवान को भोग लग गया क्या?’ कामिनी ने पूछा, तो मदन ने सीढ़ियों पर बैठकर पूरी तन्मयता से भोजन करते उस व्यक्ति को देखकर कहा, ‘हां! लग गया, भगवान को भोग लग गया।’

कविता : सुख-दुःख

लेखक : कपिल कुमार कुर्वे

मैं और वह
घूम रहे थे
समुद्र के तट पर
उसने कहा
सुनाओ
कोई मनभावन कविता
सुख की दु:ख की
अपने जीवन की
मैंने तट की रेत पर
अपनी अंगुली से
लिखा सुख, दुःख
और
कुछ पल बाद
लहरों ने
मिटा दिया
सुख को दुःख को
मैं देख रहा था
पर समझ नहीं पाया
सुख पहले मिटाया गया
या दुःख...।
मैंने जीवन नहीं लिखा था
न ही मैं इसे मिटते देख पाया
उसकी आंखों में देखकर
कहा मैंने,
‘यही कविता थी
और ऐसी ही
होती है कहानी।’



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
The short story "Online", depicting the love of grandfather and grandson, how Madan prayed to that beggar, showing the short story "God with impulse"


July 30, 2020 at 09:00AM
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2EyFG6T

Comments

Popular posts from this blog

श्रीराम जन्म से सीता हरण, रावण वध और अयोध्या में रामराज्य की स्थापना तक, 15 तस्वीरों में देखिए पूरी रामायण

अयोध्या में श्रीराम के जन्म स्थान पर भव्य मंदिर के निर्माण का भूमि पूजन हो चुका है। श्रीराम कथा का सबसे प्रामाणिक ग्रंथ वाल्मीकि ऋषि द्वारा रचित रामायण को माना जाता है। इस ग्रंथ पर आधारित कई चित्रकारों ने रामायण की तस्वीरें भी बनाई हैं। राजस्थान के चित्रकार बीजी शर्मा ने भी रामायण की पूरी चित्र श्रृंखला बनाई थी। बीजी शर्मा का जन्म 5 अगस्त 1924 को हुआ था। इनका पूरा नाम भंवरलाल गिरधारीलाल शर्मा है। इन्हें चित्रकला के क्षेत्र में कई राष्ट्रीय अवार्ड भी मिल चुके हैं। बीजी शर्मा आर्ट गैलरी से मिली जानकारी के अनुसार रामायण के ये सभी चित्र शर्माजी द्वारा 70-80 के दशक में बनाई गए थे। इन तस्वीरों को बनाने में काफी समय लगता है। इसीलिए इतने सालों में ये श्रृंखला पूरी हो सकी। बीजी शर्मा के बनाए चित्रों में देखिए रामायण की पूरी कथा... Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Ramayana katha in pictures, From the birth of Shri Ram to Sita Haran, Ravana vadh and Ram Rajya in Ayodhya, see the whole Ramayana in 15 pictures from Dainik Bhaskar https://ift.t

जी-20 बैठकों से भारत की उम्मीदों पर यूक्रेन युद्ध का साया

यूक्रेन युद्ध के साये में जी-20 गुट की बैठकों को सफल बनाना भारत के लिए एक चुनौती है. पिछले हफ़्ते जी-20 देशों के वित्त मंत्री बंगलुरु में मिलने के बाद एक साझा बयान तक जारी नहीं कर सके थे. from BBC News हिंदी - ब्रेकिंग न्यूज़ समाचार, ताजा खबर | News, latest news, breaking news https://ift.tt/Zi1kl78

फादर्स डे पर ट्रेंडिंग:पापा की कंफर्ट का ख्याल रखते हुए गिफ्ट करें माइक्रोस्वेड स्लिपर्स, वॉटरप्रूफ फोन केस और रैंब्लर मग भी आएगा उनके काम

June 20, 2021 at 05:00PM from वीमेन | दैनिक भास्कर https://ift.tt/3xF0IHj