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1 अक्टूबर को अधिक मास की पूर्णिमा, इस तिथि पर बन रहे हैं शुभ योग, इस दिन क्या करें और क्या न करें

अभी अधिक मास चल रहा है। इस माह की पूर्णिमा गुरुवार, 1 अक्टूबर को है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। हिन्दी पंचांग के अनुसार अधिक मास तीन साल में एक बार आता है, इस कारण इस पूर्णिमा का महत्व काफी अधिक है। ये माह 16 अक्टूबर तक चलेगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार गुरुवार और पूर्णिमा के योग में नदी में स्नान करने और दान-पुण्य करने की परंपरा है।

  • अधिक मास की पूर्णिमा पर सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य को तांबे के लोटे से अर्घ्य अर्पित करना चाहिए। सूर्य के मंत्र ऊँ सूर्याय नम: का जाप करना चाहिए। मंत्र जाप कम से कम 108 बार करें।
  • अभी कोरोना की वजह से नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं तो घर पर नदियों और तीर्थों के नामों का जाप करते हुए स्नान करना चाहिए। पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए।
  • पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की कथा का पाठ करना चाहिए। भगवान को हलवे का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें।
  • इस दिन सूर्यास्त के तुलसी के पास दीपक जलाएं। परिक्रमा करें। चंद्र उदय के बाद चांदी के लोटे में दूध भरकर चंद्रदेव को अर्घ्य अर्पित करें।
  • अधिक मास में भगवान विष्णु के साथ ही शिवजी, श्रीकृष्ण, श्रीराम, हनुमानजी और अन्य देवी-देवताओं की भी पूजा करनी चाहिए।

तीन साल में एक बार आता है अधिक मास

  • हिन्दी पंचांग के अनुसार एक चंद्र वर्ष में 354 दिन होते हैं। जबकि एक सूर्य वर्ष में 365 दिन और करीब 6 घंटे होते हैं। इन दोनों सूर्य और चंद्र वर्षों के बीच लगभग 11 दिनों का अंतर रहता है। हर तीन साल में ये अंतर 1 महीने के बराबर हो जाता है। इसी अंतर को खत्म करने के लिए हर तीन साल में एक चंद्र मास यानी अधिक मास की व्यवस्था की गई है।
  • पूर्णिमा पर घर में क्लेश नहीं करना चाहिए। अधार्मिक कामों से बचें। घर-परिवार और समाज में किसी का अनादर न करें। छोटे-बड़े सभी लोगों का सम्मान करें।


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More month's full moon on October 1, Yoga and coincidence being formed on this date, what to do and what not to do on this day



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