चारधामों की यात्रा के लिए 65 हजार से ज्यादा लोगों की बुकिंग, 35 हजार से ज्यादा लोगों ने किए दर्शन, अब कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट लेकर आने की भी जरूरत नहीं
उत्तराखंड में अन्य प्रदेशों से आने वाले पर्यटकों के लिए कोरोना निगेटिव जांच रिपोर्ट लेकर आने की अनिवार्यता खत्म हो गई है। अब उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के लिए दर्शनार्थी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट के बिना भी आ सकते हैं।
बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में दर्शन के लिए भक्तों को देवस्थानम् बोर्ड की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। यहां से ई-पास मिलेगा। इस पास के साथ कोई भी भक्त इन चार धामों में दर्शन कर सकता है।
देवस्थानम् बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि लॉकडाउन के बाद 1 जुलाई से उत्तराखंड के चारधाम की यात्रा शुरू हुई थी। तब से अभी तक करीब 65 हजार लोगों ने इन मंदिरों में दर्शन के लिए बोर्ड की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें से करीब 35 हजारों ने चारधाम के दर्शन किए हैं।
चारधाम आनेवाले तीर्थ यात्रियों की संख्या पहले से ही तय की हुई है। एक दिन में बद्रीनाथ में 1200, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 450 यात्री दर्शन कर सकते हैं।
तीर्थ यात्रियों को ध्यान रखना होंगे महामारी से जुड़े नियम
राज्य में यात्रा करने वाले सभी पर्यटकों को कोरोना महामारी से जुड़े नियमों का पालन करना होगा। चारधाम मंदिरों में प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिंग होगी, सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान होगा। मास्क और सेनिटाइजेशन अनिवार्य है।
अगर मंदिरों में जांच के समय किसी भक्त में कोरोना के लक्षण नजर आते हैं तो जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा उस व्यक्ति का और उसके साथ आने वाले लोगों का कोरोना टेस्ट कराया जाएगा।
खुलने लगी हैं मंदिर के आसपास की दुकानें, होटल्स और धर्मशालाएं
इन चारधामों में अब आने वाले भक्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मंदिरों के आसपास की दुकानें, होटल्स और धर्मशालाएं भी खुलने लगी हैं। राज्य के सरकारी गेस्ट हाउस भी बाहरी यात्रियों के लिए खुले हैं। इस वजह से यहां आने वाले लोग आसानी से चारधाम की यात्रा कर सकते हैं।
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