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करवा चौथ से कार्तिक पूर्णिमा तक, नवंबर में दीपावली के बाद आएगी देवउठनी एकादशी, चातुर्मास होंगे खत्म

2020 का 11वां महीना शुरू हो गया है। इस बार 1 तारीख से ही हिन्दी पंचांग का आठवां महीना कार्तिक भी शुरू हो रहा है। इस माह में करवा चौथ के बाद दीपावली आएगी, छठ पूजा और कार्तिक पूर्णिमा जैसे पर्व मनाए जाएंगे। इन दिनों में किए गए शुभ कर्मों से धर्म लाभ के साथ मानसिक शांति भी मिलती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा से जानिए नवंबर के खास तीज-त्योहार और उन दिनों में किए जाने वाले शुभ काम...

बुधवार, 4 नवंबर को महिलाओं का महापर्व करवा चौथ है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुखद भविष्य की कामना से निर्जला व्रत करती हैं। महिलाएं चौथ माता की पूजा इस दिन करती हैं।

शनिवार, 7 नवंबर और रविवार, 8 नवंबर को पुष्य नक्षत्र रहेगा। इन दिनों में खरीदारी करने का विशेष महत्व है। पुष्य नक्षत्र में सोना-चांदी, वाहन, सुख-सुविधा की अन्य जरूरी चीजें खरीदी जा सकती है।

बुधवार, 11 तारीख को रमा एकादशी रहेगी। इस दिन भगवान विष्णु के लिए पूजा और व्रत करने की परंपरा है।

गुरुवार, 12 नवंबर को धनतेरस से दीपोत्सव शुरू हो रहा है। 13 तारीख को रूप चतुर्दशी, 14 को दीपावली, 15 को गोवर्धन पूजा और 16 नवंबर को भाई दूज मनाई जाएगी। इन दिनों में देवी लक्ष्मीजी, धनवंतरि, कुबेरदेव, गोवर्धन पर्वत, यमराज के साथ ही गणेशजी, देवी सरस्वती, भगवान विष्णु, शिवजी की विशेष पूजा करनी चाहिए।

बुधवार, 18 तारीख को विनायकी चतुर्थी व्रत रहेगा। इस तिथि से छठ पूजा उत्सव के व्रत शुरू हो जाएंगे। गणेशजी के साथ ही सूर्यदेव की विशेष पूजा करें।

शुक्रवार, 20 नवंबर को सूर्य पूजा का महापर्व छठ पूजा है। इस दिन सूर्य को अर्घ्य देने और पवित्र नदी में स्नान करने की परंपरा है।

सोमवार, 23 नवंबर को आंवला नवमी है। इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने की परंपरा है।

बुधवार, 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी है। इस दिन से भगवान विष्णु विश्राम से जागते हैं। तुलसी और शालिग्राम का विवाह कराया जाता है।

गुरुवार, 26 नवंबर को चातुर्मास समाप्त हो जाएंगे। देवउठनी एकादशी के साथ ही चातुर्मास मास खत्म होते हैं और विवाह आदि सभी शुभ मांगलिक कर्म शुरू हो जाते हैं।

सोमवार, 30 नवंबर को कार्तिक मास की पूर्णिमा है। इस दिन गुरुनानक जयंती भी मनाई जाती है।

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