संस्मरण:शहर की होली में वो बात नहीं, जो गांव की होली में थी, सुबह से टोलियों में खेलने निकलना और सभी को जमकर रंग लगाने का मज़ा ही कुछ और था...
बल्ले बनाना, चाचा का हुड़दंग, बाबा से स्नेह जताने की मासूमियत से भरी होली की यादें हर साल गांव से दौड़ी चली आती हैं।
March 27, 2021 at 05:00AM
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