लघुकथा:अपनी सभ्य सुसंस्कृत पत्नी की बोली से उसकी बिगड़ी तबीयत मानो बिलकुल ही ठीक हो गई थी लेकिन अब तक उसे न समझ पाने की शर्मिंदगी भी उसे महसूस हो रही थी
काम में जुटी रहने वाली अपनी पत्नी के बोल जैसे वो पहली बार सुन रहा था। उपचार की प्रतीक्षा अब नहीं थी।
March 20, 2021 at 05:00AM
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