मस्जिदों में रोज़ाना पांच वक़्त नमाज पढ़ी जाती है, लेकिन ईदगाह साल में दो ही बार गुलज़ार होती है।,हर शहर और कस्बे में एक या ज्यादा ईदगाह होती हैं, जहां सिर्फ ईद की नमाज़ अदा की जाती है।,पास ही में एक मैदान होता है जहां मेला भरता है। ईद है, तो बचपन में बिताए मेले के दिन याद आ गए।
May 15, 2021 at 05:00AM
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