कहानी:इंदु के बाबा वसीयत करना चाहते थे, लेकिन इंदु वसीयत में सम्पत्ति नहीं कुछ और ही लिखवाना चाहती थी...
दिलों के बीच जो दीवारें खड़ी होती हैं, उनकी नींव वसीयत की चंद सतरों से भी खड़ी हो जाती है।,इंदु के बाबा ने भी अपनी सम्पत्ति के बंटवारे के लिए वसीयत की ज़मीन उठाई थी। क्या लिखा जाना था उसमें...
June 19, 2021 at 05:00AM
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